Yogi Govt 2.0 : कौन हैं योगी सरकार का मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी, मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री रखने वाले दानिश को कैसे मिला मौका

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@Akhilesh Tiwari

Lucknow News: इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को मंत्री पद की शपथ ग्रहण करने वाले दानिश आजाद अंसारी आखिर कौन हैं जिन्हें योगी सरकार में मुस्लिम चेहरा बनने का मौका मिला है. बलिया से आकर लखनऊ में राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते हुए आगे बढ़ने वाले दानिश आजाद अंसारी से भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम युवाओं के बीच पैठ बनाने का सपना देख रखा है.

दानिश आजाद अंसारी

दानिश आजाद ने इस तरह किया विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार

योगी सरकार 2.0 में राज्यमंत्री की शपथ लेने वाले दानिश आजाद अंसारी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की है ।2006 में वह बलिया से चलकर राजधानी लखनऊ आए और बीकॉम की पढ़ाई करने के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से ही मास्टर आफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की. भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में उनको उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाकर उनकी प्रबंधन और प्रशासनिक क्षमता आंकने की कोशिश की. उर्दू भाषा समिति सदस्य का पद दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है. अब उन्हें योगी सरकार का इकलौता मुस्लिम मंत्री बनाया गया है.

दानिश आजाद अंसारी का भारतीय जनता में प्रवेश छात्र संगठन राजनीति के जरिए हुआ है. 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई करने के दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लखनऊ यूनिवर्सिटी पदाधिकारियों के संपर्क में आए और जनवरी 2011 में उन्होंने पूरी तरह से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लिए काम करना शुरू कर दिया. छात्र राजनीति में भाजपा और आर एस एस के लिए काम करते हुए उन्होंने मुस्लिम युवाओं के बीच सकारात्मक माहौल बनाया. उनकी मेहनत का उन्हें फायदा भी जल्दी मिला 2017 में ही जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया. उनके कामकाज को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के चुनाव से पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बना दिया और अब उन्हें मोहसिन रजा की जगह पर सीधे मंत्री बनाया गया है. दानिश आजाद अंसारी को 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी का भी सदस्य बनने का मौका मिल चुका है.

भारतीय जनता पार्टी की भावी रणनीति का हिस्सा है दानिश आजाद

भारतीय जनता पार्टी अब तक उत्तर प्रदेश में या नेताओं को ही मंत्रिमंडल में मौका देती रही है मोहसिन रजा से पहले सीमा रिजवी को यह मौका मिलता रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 43% मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर मुस्लिम समाज का कमजोर और पिछड़ा वर्ग है. भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिमों में अति पिछड़ा वर्ग भाजपा के साथ जोड़ने के लिए तैयार है क्योंकि वह बेहद गरीब है और संसाधनों सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है. भाजपा की उज्जवला योजना प्रधानमंत्री आवास योजना अंत्योदय योजना समेत विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने की वजह से इस वर्ग का मन और मूड बदल रहा है ऐसे में मुस्लिमों के इस वर्ग में पैठ बनाने की आवश्यकता है.

उत्तर प्रदेश में शिया मुस्लिमों के मुकाबले सुन्नी मुसलमान अधिक हैं और सुन्नी मुसलमान ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदुओं के साथ मिलजुल कर रह रहे हैं. ऐसे में दानिश आजाद अंसारी जो खुद सुन्नी मुसलमानों के अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं. उनकी मदद से भारतीय जनता पार्टी इस समुदाय के युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है. अगर उसकी यह रणनीति कारगर होती है तो उत्तर प्रदेश और देश की राजनीति में मुस्लिम वोट बैंक को भड़का कर चुनाव जीतने वाले राजनीतिक दलों का पूरी तरह से सफाया करना मुमकिन हो जाएगा. यही वजह है कि भाजपा ने दानिश आजाद अंसारी जैसे युवा चेहरे को मंत्री बनाकर यूपी की राजनीति में आगे बढ़ाया है.

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