कुकर्मी प्रोफेसर का 100 छात्राओं ने किया भंडाफोड़, सीएम के आदेश पर शुरू हुई जांच, प्रोफेसर से लिया गया इस्तीफा

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New Delhi । देश के बड़े शिक्षण संस्थानों में शामिल नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी भोपाल में छात्राओं के यौन शोषण मामले ने सनसनी मचा दी है। 100 से ज्यादा छात्राओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक अपनी शिकायत पहुंचाई है जिसके बाद पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। आरोपित प्रोफेसर को यूनिवर्सिटी के डीन पद से हटाते हुए इस्तीफा ले लिया गया है।

छात्रों के विरोध के दौरान अपने कमरे में मौजूद डीन प्रोफेसर तपन रंजन मोहंती photo /social media

नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी की 100 से अधिक छात्राओं ने यूनिवर्सिटी डीन प्रोफ़ेसर तपन रंजन मोहंती पर यौन शोषण का आरोप लगाया है छात्राओं का कहना है कि वह ऑफलाइन क्लास के नाम पर लड़कियों को अकेले में बुलाते हैं उन्होंने छात्राओं को अश्लील मैसेज और वीडियो भी मोबाइल फोन पर भेजे हैं छात्रों ने कहा कि वह सुबूत के तौर पर इन मैसेज और वीडियो को जांच एजेंसी को देने को तैयार हैं। प्रोफेसर मोहंती पर लगाए गए आरोपों पर पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने ठंडा रूप दिखाया और कुलपति प्रोफ़ेसर वी विजय ने कहा कि पहले कभी ऐसी शिकायत नहीं मिली लेकिन जब यह पूरा मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा और मुख्यमंत्री ने डीजीपी को जांच के आदेश दिए तो यूनिवर्सिटी प्रबंधन भी सक्रिय हुआ और आरोपित डीन प्रोफ़ेसर मोहंती से इस्तीफा मांग लिया गया। यूनिवर्सिटी के छात्र और छात्राओं ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रोफेसर मोहंती के आफिस में हंगामा भी किया जिसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी के डीन पद और इंचार्ज अकादमी block-1, डिस्टेंस एजुकेशन प्रभारी के पद से इस्तीफा दिया है।

यौन शोषण के आरोपी प्रोफेसर तपन रंजन मोहंती

पूरे मामले की जांच यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने भी विशाखा टीम को सौंपी है ।इसके साथ ही हाईकोर्ट मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस रवि माली मत को भी सूचना दी गई है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री का देश मिलने के बाद पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है मध्य प्रदेश के डीजीपी ने भोपाल कमिश्नर मकरंद देउसकर को जांच सौंपी है उन्होंने डीएसपी निधि सक्सेना को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। डीएसपी ने अपनी टीम के साथ यूनिवर्सिटी कैंपस में पहुंचकर छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं छात्राओं ने एफ आई आर दर्ज कराने के लिए समय मांगा है और उन्होंने कहा है कि वह सुबूत के तौर पर प्रोफेसर की ओर से किए गए अश्लील मैसेज और वीडियो उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं।

छात्राओं के परिजनों ने खींचे कदम

2 दिन पहले चर्चा में आए इस मामले में कानूनी पक्ष कमजोर होता दिखाई दे रहा है क्योंकि आरोप लगाने वाली कई छात्राओं के परिजन नहीं चाहते हैं कि उनकी बेटियों का नाम सेक्स स्कैंडल के साथ जुड़े। इसलिए पुलिस में एफ आई आर दर्ज कराने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है। ऐसे में देखना होगा कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश पर शुरू हुई जांच में पुलिस अपनी तरफ से रिपोर्ट दर्ज कर प्रोफेसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरु करती है या यूनिवर्सिटी स्तर पर हो रही जांच ही अंतिम कार्यवाही होगी।

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