Ayodhya News : बाहुबली क्यों कहे जाते हैं, पूछने पर क्या बोले पूर्व विधायक अभय सिंह

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समाजवादी पार्टी के गोसाईगंज सीट से प्रत्याशी पूर्व विधायक अभय सिंह के साथ विशेष बातचीत

गोसाईगंज, अयोध्या। बाहुबली राजनीति का अखाड़ा बनी अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा सीट पर लगातार तनाव बना हुआ है। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व विधायक अभय सिंह से अयोध्या संवाद ने चुनाव प्रचार के दौरान माया बाजार में लंबी बातचीत की। तीखे सवालों का जवाब भी अभय सिंह ने बेहद शांत और संयत तरीके से दिया। उनसे जब पूछा गया कि उन्हें बाहुबली क्यों कहा जाता है तो उनका जवाब देश की शासन व्यवस्था को आईना दिखाने वाला था। प्रस्तुत है उनके साथ विशेष बातचीत के कुछ खास अंश। पूरा इंटरव्यू अयोध्या संवाद फेसबुक पेज और यूट्यूब लिंक पर सुना जा सकता है।

समाजवादी पार्टी प्रत्याशी पूर्व विधायक अभय सिंह @ayodhyasamvad

सवाल – आपको बाहुबली क्यों कहा जाता है?

अभय सिंह- अरे यह विरोधियों की पुलिस की साजिश है वह नहीं चाहती कि कोई छात्रों, नौजवानों, किसानों की ,मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ने वाला हो । सही बात कहने वाला हो। क्योंकि शोषण तो यह प्रशासनिक अधिकारी करते हैं ना। इनसे आप लड़िए तो आप के खिलाफ मुकदमे करा देंगे। हमारे बीच से आदमी खड़ा करा देंगे। झूठे मुकदमे दर्ज कराएंगे। ऐसे बहुत से लोग परेशान चल रहे हैं उत्तर प्रदेश में।

सवाल – उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव में गोसाईगंज सीट सबसे ज्यादा इसलिए चर्चा में है कि यहां दोनों प्रमुख प्रत्याशी आपस में लड़ रहे हैं । पथराव और फायरिंग की भी घटनाएं हुई हैं आप लोग इस तरह क्यों लड़ रहे हैं ?

अभय सिंह – नहीं हम नहीं लड़ रहे हैं। हमारे ऊपर लगातार तीन चार-बार पत्थर फेंका गया, गोली चलाई गई। मुकदमा लिखाने गए तो उल्टा हमारे ऊपर मुकदमा लिख दिया गया। हमें बंद कर दिया गया है। तो यह तो पुलिस है जो भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर हमारे खिलाफ लड़ रही है। पुलिस उनकी वर्कर है। बीडीओ उनका वर्कर है। विकास भवन में तैनात सभी कर्मचारी उनके वर्कर हैं।

सवाल – तो क्या लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से नहीं लड़ी जा रही है?

अभय सिंह – लड़ाई बिल्कुल लोकतांत्रिक नहीं है। उस तरफ से भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सारे अधिकारी लड़ रहे हैं और हमारी तरफ से 80% जनता खड़ी है।

पूर्व विधायक अभय सिंह @ayodhyasamvad

सवाल – आप अपनी चुनावी सभा में देश की उल्टी तस्वीर दिखा रहे हैं। भाजपा कह रही है कि उसने देश का विकास किया और आप कह रहे हैं कि वह गरीबों को गरीब बना रही है। जमीदारी व्यवस्था वापस ला रही है । ऐसा क्यों कह रहे हैं ,इसका क्या आधार है?

अभय सिंह – हम बिल्कुल सही कह रहे हैं. एक छोटा सा उदाहरण देता हूं जैसे नर्स की नौकरी है। अगर वह सरकारी कर्मचारी होगी, सरकार उसको नियुक्त करेगी तो उसकी तनख्वाह कम से कम 32 से 35 हजार होगी। जब वह ठेके पर नौकरी करती है, आउटसोर्सिंग से नौकरी पाती है तो उसे मिलते हैं ₹16000। भीड़ में खड़ी एक महिला टोकते हुए बताती है कि 10000 मिल रहे हैं। अभय सिंह उसकी बात का समर्थन करते हुए कहते हैं कि दीदी बता रही हैं कि 10000 मिलते हैं। यह नर्स की नौकरी कर रही है तो बताइए यह आर्थिक गुलामी नहीं है। अंग्रेज हम को कैसे गुलाम बनाए थे। अंग्रेज हमारे परिश्रम का कम मूल्य तय करते थे। 100 के बजाय ₹20 देते थे उसी तरह एक बार फिर यह गुलाम बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश के दलितों को, पिछड़ों को, मजदूरों को, गरीबों को। वही काम आज भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकारें कर रही हैं।

सवाल – भाजपा प्रत्याशी की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि उनके पति को साजिश कर जेल भेज दिया गया है, साजिश का इशारा आपकी और है?

अभय सिंह – भाजपा प्रत्याशी की ओर से जो बार-बार कहा जा रहा है कि हमारे पति को साजिश करके जेल भेज दिया गया है और साजिश की जा रही है। यहां पर मैं यह बता दूं कि उनके पति किस मामले में जेल गए हैं । वह किसी गरीब आदमी की लड़ाई लड़ने के मामले में जेल नहीं गए हैं । किसी की बहन बेटी की इज्जत बचाने के मामले में जेल नहीं गए हैं । फर्जीवाड़ा करने के मामले में जेल गए हैं और डॉक्युमेंट्री एविडेंस उनके खिलाफ हैं। बीएससी सेकंड ईयर की फर्जी मार्कशीट लगाई। महाविद्यालय के महामंत्री हो गए । मार्कशीट की जांच हुई तो नकली पाई गई। उस समय तत्कालीन प्रधानाचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। डॉक्युमेंट्री एविडेंस का मामला है किसी की गवाही होनी नहीं थी। उन्होंने मार्कशीट को सेल्फ अटेस्ट किया है। जज ने उसे देखा और फैसला सुना दिया इसमें कौन सी साजिश हो सकती है। उस फर्जी मार्कशीट को इन्होंने इंजॉय किया उसे इस्तेमाल कर चुनाव लड़े और जीते। यह तो पॉलीटिकल स्टंट है । इसे साजिश बता रहे हैं । वैसे मैं बता दूं कि वह 420 धोखाधड़ी करने के आदतन अपराधी हैं । सोनभद्र में एक मर्डर मामले में पकड़े गए जमानत कराई तो अपने घर का पता बस्ती बता दिया बस्ती के फर्जी पते पर असलहा का लाइसेंस ले लिया और वह असलहा आज तक उन्होंने जमा नहीं किया जबकि वह लाइसेंस कैंसिल हो गया।

इंटरव्यू सुनने के लिए लिंक नीचे दिया जा रहा है।

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