अयोध्या। फैजाबाद कचहरी में शनिवार को लगाई गई राष्ट्रीय लोक अदालत में कई श्रमिक परिवारों को इंसाफ की डगर दिखाई दी। लंभुआ की ममता सिंह को दुर्घटना में पति की हुई मृत्यु के बाद अब तक मुआवजा नहीं मिल सका था लेकिन लोक अदालत में मामला निपटा और उन्हें ₹837000 का मुआवजा दिलाया गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत में श्रमिक परिवारों को विवादों का निपटारा कराने में मदद मिली। उप श्रम आयुक्त के न्यायालय में लाए गए मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से समाधान कराया गया। ऐसा ही एक मामला सुल्तानपुर के लंभुआ में रहने वाली ममता सिंह का है, जिनके पति की एक कारखाने में काम करने के दौरान हादसे में मृत्यु हो गई थी। उनके दो छोटे बच्चे हैं। कारखाना प्रबंधन से मुआवजे का विवाद चल रहा था कर्मचारी प्रतिकार अधिनियम 1923 के तहत उन्होंने मुकदमा दायर किया। उप श्रम आयुक्त न्यायालय में पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं के अनुसार ऐसे मामलों में सामान्य तौर पर कई साल लग जाते हैं लेकिन राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों में समझौता कराया गया और ममता सिंह को ₹837000 की धनराशि दिलाई गई। इसी तरह चार अन्य मुकदमों में 5 श्रमिकों को 700000 से अधिक रुपए का मुआवजा दिलाया गया है। राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को ₹1500000 से अधिक का भुगतान सहमत के आधार पर कराया गया है। मुकदमों की पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं में देवी पांडे दीनदयाल आदि प्रमुख रहे।