Ayodhya Sri Ram Janmotsav News :
गंगा बड़ी न गोदावरी, न तीरथ बड़े प्रयाग। सबसे बड़ी अयोध्या नगरी, जहां राम लीन्ह अवतार।। यह चौपाइयाँ अयोध्या में जन्मोत्सव के समय उमड़े भक्तों के अपार समूह की श्रद्धा में साकार होती दिखाई दी । घड़ी की छोटी-बड़ी सुइया जैसे ही 12 पर पहुंचीं वैसे ही जन्मभूमि व कनक भवन समेत अयोध्या के 8 हजार मंदिरों में घण्टों-घड़ियालों की गूंज चौतरफा सुनाई देने लगी।


अयोध्या के सबसे प्रमुख मंदिर कनक भवन का मनोरम नजारा देखते ही बनता था। यह वह कनक भवन है जिसे माता कौशल्या ने सीता जी को मुंह दिखाई में उपहार स्वरूप दिया है। यहां भगवान राम माता सीता के साथ विराजते हैं। कनक भवन में फूलों के आसन पर विराज रहे भगवान राम के दरश का हर कोई दीदार करना चाह रहा था। आंगन में तमाम महिला व पुरुष श्रद्धालु गीतों पर थिरक रहे थे। ढोल- नगाड़ों की मधुर थाप आकर्षण बनी हुई थी। युवा सहित हर वर्ग के लोग इस उत्सव को मोबाइल में कैद करते दिखे।

हर शख्स की जुबान से श्री राम, सीता राम ही सुनाई पड़ा। मेलार्थियों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक प्रबंध कर रखे थे। इससे पहले श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान किया। इसके बाद अपने आराध्य का दर्शन पाने पहुंच गए। जन्मभूमि पहुंचे लोगों ने दर्शन कर सर्व कल्याण की कामना की। यहां विराजमान रामलला का बड़ा ही भव्य श्रृंगार किया गया था। हनुमान गढ़ी में भी भक्तों ने दर्शन पूजन किया। कई सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह भंडारे का भी आयोजन किया था। ऐसी मान्यता है कि सरयू में स्नान मात्र से सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य मिल जाता है। इसी के चलते रामनवमी के अवसर पर हर साल यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है।
