44 हजार 445 मतदाताओं को चुनाव आयोग ने किया था शॉर्ट लिस्ट
इसमें भी केवल एक हजार को मिलेगा मौका
अयोध्या। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अयोध्या जिले में मतदान 27 फरवरी को होना है लेकिन जिले के 1000 मतदाता ऐसे भी हैं जिन्हें 17 फरवरी से ही वोट डालने का मौका मिल जाएगा। जिले के कुल 44445 दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को चुनाव आयोग ने विशेष मतदान कार्यक्रम के तहत चुना था लेकिन इनमें से केवल 1000 मतदाता विशेष कार्यक्रम के तहत मतदान करने के लिए तैयार हुए हैं । अब 17 फरवरी से इन सभी मतदाताओं के घर मतदान कर्मी पहुंचेंगे और उनका मतदान कराएंगे।

चुनाव आयोग ने इस बार कोरोनावायरस को ध्यान में रखते हुए 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलट का अधिकार प्रदान किया है। अब तक पोस्टल बैलट का अधिकार केवल सेना के जवानों और उन सरकारी कर्मचारियों को ही हासिल था जो चुनाव ड्यूटी में शामिल होते थे। दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को पहली बार मिले इस अधिकार के तहत अयोध्या जिले में 44445 मतदाताओं की अलग सूची तैयार की गई है। अयोध्या के उप जिला निर्वाचन अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि पांचों विधानसभा क्षेत्रों में 32779 बुजुर्ग मतदाताओं की पहचान की गई है इसके अलावा 11666 दिव्यांग मतदाता भी शॉर्ट लिस्ट हुए हैं। इन सभी मतदाताओं से बीएलओ ने घर घर जाकर फॉर्म 12 डी से उनकी अनुमति मांगी है यह मतदाताओं का सहमति पत्र है जो यह घोषणा करता है कि वह मतदाता पोस्टल बैलट अधिकार का प्रयोग करने के लिए इच्छुक है उन्होंने बताया कि पूरे जिले में केवल 1000 मतदाता ऐसे मिले हैं जिन्होंने पोस्टल बैलट अधिकार का प्रयोग करने की इच्छा जताई है। सभी मतदाताओं की सहमति प्राप्त करने की प्रक्रिया 5 फरवरी को पूरी कर दी गई है। अब 17 फरवरी से मतदान प्रक्रिया शुरू होगी इसके तहत मतदान कर्मी और सुरक्षाकर्मी सभी मतदाताओं के घर-घर जाएंगे। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी सूचना दी जाएगी जिससे मतदान के अवसर पर वह भी उपस्थित रह सकते हैं। ऐसे मतदाताओं के पोस्टल बैलट से निर्वाचन प्रक्रिया को गोपनीय तरीके से संपन्न कराया जाएगा।

मतदाताओं को मताधिकार के लिए जागरूक करने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी मतदाताओं को मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरुक किया जा रहा है इसके तहत कई कार्यक्रम किए गए हैं। जिले की गन्ना समितियों और स्वयंसेवी संगठनों की मदद से भी जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। चुनाव आयोग की मंशा है कि अधिक से अधिक लोग मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें।