Ayodhya News : पीएम नरेंद्र मोदी के संसद भाषण पर भिड़े योगी और केजरीवाल, मुख्यमंत्रियों की भाषा शैली पर उठे सवाल

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Ayodhya Samvad News Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद भाषण पर हंगामा मच गया है। देश के दो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री के भाषण पर इस तरह भिड़ गए हैं कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा और भाषा प्रयोग पर सवाल खड़े हो रहे हैं । सोशल मीडिया में लोग पूछ रहे हैं कि क्या दो मुख्यमंत्रियों की यही भाषा है।

देश के दो प्रमुख राज्यों के निर्वाचित मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर इस तरह लड़ रहे हैं कि लोग उनकी कही बात पर गौर करने के बजाय मुख्यमंत्रियों की भाषा शैली को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या देश के दो राज्यों के मुख्यमंत्री की भाषा ऐसी होनी चाहिए।

क्या है पूरा मामला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में बोलते हुए विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब में कोरोना त्रासदी का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि जब देश में कोरोना त्रासदी आई तो महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार ने लोगों का मूवमेंट रोकने के बजाय उन्हें राज्य छोड़कर बाहर जाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उस समय लॉकडाउन लगाया गया था पूरे देश में लोगों से यह अपेक्षा की जा रही थी कि जो जहां है वहीं पर रुका रहे तो कांग्रेस के लोगों ने मुंबई और महाराष्ट्र में रहने वालों को घर जाने के लिए टिकट मुहैया कराए। इसी तरह दिल्ली की सरकार ने लोगों को बसें मुहैया कराई और कहा कि दिल्ली बॉर्डर के बाद आगे दूसरी बस मिलेगी प्रधानमंत्री ने कहा इससे अफरा तफरी का माहौल बना और लोगों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा।

प्रधानमंत्री के इस बयान को गलत बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान सरासर झूठ है देश में चलता है कि जिन लोगों ने करो ना काल की पीड़ा को सहा जिन लोगों ने अपनों को खोया प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील बनेंगे लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता है अरविंद केजरीवाल की यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नागवार गुजरी उन्होंने इसका पलटवार करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल का प्रधानमंत्री के बारे में आज का बयान बहुत निंदनीय है अरविंद केजरीवाल को पूरे राष्ट्र से माफी मांगने चाहिए गोस्वामी तुलसीदास जी ने उनके जैसे लोगों के बारे में ही कहा है कि झूठइ लेना झूठइ देना झूठइ भोजन झूठ चबेना।

योगी आदित्यनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। रात 10:59 पर उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को संबोधित करते हुए लिखा- सुनो केजरीवाल, जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया । छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया। आपको मानवता द्रोही कहें या…

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जैसे को तैसा के तर्ज पर – “सुनो योगी” संबोधन के साथ लिखा -” आप तो रहने ही दो जिस तरह यूपी के लोगों की लाशें नदी में बैठे थे और आप करोड़ों रुपए खर्च करके टाइम्स मैगजीन में अपनी झूठी वाहवाही के विज्ञापन दे रहे थे आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा।”

दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच सोशल मीडिया पर हो रहे इस युद्ध ने लोगों को हैरत में डाल रखा है। दोनों नेताओं के समर्थक भी सोशल मीडिया पर लड़ रहे हैं । अपने नेता की बात को सही ठहराते हुए दूसरे पर सवाल खड़े कर रहे हैं लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो यह पूछ रहा है कि क्या देश के निर्वाचित मुख्यमंत्रियों की भाषा का स्तर यही है, और ऐसा ही स्तर होना चाहिए। क्या लोकतंत्र में इसी तरह से दो मुख्यमंत्री एक दूसरे से बात करेंगे?

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