Ayodhya News : महाराष्ट्र के नेता शरद पवार के भतीजे व NCP विधायक रोहित पवार ने रामलला का दर्शन करने के बाद धर्म और राजनीति पर की बेबाक टिप्पणी

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Ayodhya News : महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार के भतीजे और विधायक रोहित पवार ने रविवार की सुबह अयोध्या पहुंच गए . उन्होंने पूरे परिवार के साथ रामजन्मभूमि परिसर में रामलला का दर्शन पूजन किया.दर्शन-पूजन करने के बाद उन्होंने कहा कि भगवान राम लला का दर्शन करने के बाद बड़ी ही प्रसन्नता महसूस हो रही है। राम मंदिर और काशी विश्वनाथ पर पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने धर्म और राजनीति पर अपनी बेबाक टिप्पणी में कहा कि इसका घालमेल किया जाना उचित नहीं है.

शरद पवार की पार्टी एनसीपी के विधायक रोहित पवार का अयोध्या पहुंचने पर समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया. रामलला का दर्शन पूजन करने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम मथुरा गए काशी गए और फिर अब अयोध्या आए हैं और सभी जगह के दर्शन करके मन बड़ा प्रसन्न हुआ है. काशी विश्वनाथ मंदिर मुक्ति प्रस्ताव पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि काशी का विषय भी अभी कोर्ट में है. कोर्ट जब भी फैसला लेता है। सभी दस्तावेज देखने के बाद ही फैसला लेता है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का जो भी फैसला हो उसे सभी भारतीय नागरिकों को मानना चाहिए. आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बन रहा है.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की अगर आज की परिस्थिति देखी जाए तो मुंबई के इलेक्शन नजदीक आ रहे हैं. बीजेपी हो या फिर ठाकरे साहब की पार्टी हो, अपने भाषण में सिर्फ धर्म की बात कर रहे हैं मुझे लगता है कि अगर धर्म ही सबसे महत्वपूर्ण विषय है तो उसका राजनीतिकरण किसी को भी नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे साहब का जो भाषण है बड़ा ही प्रभावी होता है. 2008 में अलग भाषण था और इस बार जो इलेक्शन हुआ उसमें अलग भाषण था. राज ठाकरे साहब ने क्या कहा था उस समय कि यहां के एमएलए को अच्छा नहीं लगेगा अगर आप यहां आ रहे हैं तो हर कोई यहां पर नतमस्तक हो सकता है. अगर वह यहां आ रहे हैं आने के बाद कोई भी पॉलिटिक्स नहीं करना चाहिए.

रोहित पवार ने बताया कि अपनी तीर्थ यात्रा की शुरुआत उन्होंने 3 दिन पहले की है . महाराष्ट्र के पंढरपुर से भगवान विट्ठल के दर्शन पूजन कर अपनी यात्रा शुरू की।वही रोहित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में भक्ति और आध्यात्मिकता की उच्च परंपरा है. मेरा मानना है कि भक्ति और आध्यात्मिकता की एक अदृश्य शक्ति है, जो अक्सर अचानक कठिनाइयों का कारण बनती है और हम इससे बाहर निकलने का रास्ता खोज लेते हैं. इसलिए मुझे अध्यात्म के प्रति, ईश्वर के प्रति आस्था और भक्ति है.

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