Ayodhya News : 1300 किलोमीटर दूर से लौट रहे परिवार को घर से 40 किलोमीटर पहले मिली दर्दनाक मौत, जिसने भी सुना वह दहल गया

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अयोध्या। अयोध्या से 1300 किलोमीटर दूर सूरत में रह रहा परिवार वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या लौट रहा था। घर से महज 40 किलोमीटर दूर घात लगाए बैठे क्रूर काल ने अपने पंजे में दबोच लिया और परिवार के सभी 5 सदस्यों व ड्राइवर समेत 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। लखनऊ गोरखपुर नेशनल हाईवे पर बाराबंकी के रामसनेही घाट थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के पास दर्दनाक हादसा बुधवार की सुबह लगभग 3:00 बजे हुआ है।

अयोध्या नेशनल हाईवे पर हादसे की वजह सड़क के किनारे खड़ा ट्रक कंटेनर बना है। बताया जा रहा है कि सूरत से निजी कार में आ रहे अजय कुमार वर्मा उनकी पत्नी सपना दो बच्चे यश(10 वर्ष) और आर्यन (8 वर्ष) के साथ ही अजय के भाई राम जनम और कार चला रहे ड्राइवर अजय कुमार यादव की हादसे में मौत हुई है। हादसा अयोध्या नेशनल हाईवे पर नारायणपुर के जिस गांव के सामने हुआ है वहां से अजय वर्मा का घर महज 40 किलोमीटर दूर पटरंगा थाना क्षेत्र में मौजूद है। पुलिस के अनुसार अजय वर्मा का निवास पटरंगा थाने के रसूलपुर रुदौली में है।

हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे परिवारी जनों ने बताया कि अयोध्या के खुदिया पुर गांव में रिश्तेदारी में शादी है उसी में शामिल होने के लिए पूरा परिवार सूरत से आ रहा था। 1300 किलोमीटर का सफर पूरा करने के बाद सभी लोग घर पहुंचने वाले थे। उससे पहले यह हादसा हो गया।

हादसे की दिल दहला देने वाली तस्वीर @ayodhyasamvad.com

बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक पूर्णेन्दु सिंह ने बताया कि रामसनेही घाट थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के पास सड़क किनारे खड़े ट्रक कंटेनर से कार की टक्कर हुई है। तेज रफ्तार कार का अगला हिस्सा कंटेनर के पीछे से जाकर अंदर तक दब गया है जिससे कार में सवार लोगों की मौत हुई है। हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। कटर से काटकर कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने सभी को मृत घोषित किया है। टक्कर के बाद कंटेनर का ड्राइवर मौके से फरार है उसकी तलाश की जा रही है।

नेशनल हाईवे पर जहां-तहां खड़े रहते हैं ट्रक

लखनऊ गोरखपुर नेशनल हाईवे पर वैसे तो टोल टैक्स वसूला जाता है। सुरक्षित यात्रा की गारंटी भी है लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी की लापरवाही की वजह से सड़क पर जहां-तहां ट्रक खड़े रहते हैं। जबकि ट्रकों को नेशनल हाईवे के किनारे खड़े करने के लिए अलग से बाई लेन बनाने का नियम है। इसकी अनदेखी करने की वजह से हादसे होते रहते हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी की पेट्रोलिंग टीम भी है जिस पर एक्सीडेंट नियंत्रण की जिम्मेदारी है एक्सीडेंट के बाद राहत और मदद भी पहुंचानी चाहिए लेकिन पेट्रोलिंग टीम भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी अधिकारियों की उदासीन कार्यशैली की वजह से कभी लोगों की मदद करते हुए नहीं देखी जाती। नारायणपुर के पास बुधवार को हुए हादसे के बाद भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी की पेट्रोलिंग टीम और राहत टीम नहीं पहुंची।

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