Ayodhya News : आजादी से पहले और आजादी के बाद देश के लिए लड़ी गई लड़ाइयों में शौर्य और अदम्य साहस व वीरता का प्रदर्शन करने वाली डोगरा रेजीमेंट को “अपना रंग, अपना निशान, अपना झंडा” मिल गया है। थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने अयोध्या पहुंचकर डोगरा रेजीमेंट को सजा झंडा सौंपा। डोगरा रेजीमेंट की यूनिट डोगरा 20 डोगरा 21 के जवानों की चमत्कृत करने वाली संयुक्त परेड प्रदर्शन से प्रभावित दिख रहे थल सेना अध्यक्ष ने पूरी रेजिमेंट की जमकर सराहना की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारतीय सेना दुनिया की प्रोफेशनल सेनाओं में है और भविष्य की सभी चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार है।

डोगरा रेजीमेंट एरिया अयोध्या में बुधवार को भारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी का जोरदार स्वागत हुआ। वह यहां डोगरा रेजीमेंट की कलर सेरेमनी यानी डोगरा रेजीमेंट के रंग और निशान सौंपने के लिए पहुंचे हैं। भारतीय सेना की इन्फेंट्री बटालियन 20 डोगरा और 21 डोगरा का स्वर्णिम इतिहास रेजीमेंट के जवानों और सैन्य अधिकारियों को गर्व से सिर ऊंचा करने का अवसर देता है। 24 मार्च को डोगरा रेजीमेंट का सीना और चौड़ा हो गया जब देश के थल सेना अध्यक्ष ने डोगरा रेजिमेंट सेंटर पहुंचकर रेजीमेंट को उसका रंग यानी निशान प्रदान किया। इस मौके पर डोगरा रेजीमेंट 20 और डोगरा रेजीमेंट 21 के जवानों ने संयुक्त परेड प्रस्तुत की। इस परेड में डोगरा रेजीमेंट के सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी और कर्मचारी भी विशेष तौर पर शामिल हुए।


इस परेड में शामिल कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों के सीने पर जगमगाते मेडल उनकी वीरता साहस और अदम्य शौर्य प्रदर्शन की गाथा सुना रहे थे। पूर्व सैन्य अधिकारियों को परेड में देखकर डोगरा रेजीमेंट के जवानों का जोश कई गुना बढ़ गया। डोगरा रेजिमेंटल सेंटर, फैजाबाद में आयोजित कलर प्रेजेंटेशन परेड में पूर्व सीओएएस और मानद कर्नल डोगरा रेजिमेंट जनरल एनसी विज, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम (सेवानिवृत्त), जीओसी-इन-सी दक्षिणी कमांड, जीओसी-इन- सी सेंट्रल कमांड, जीओसी एमबी एरिया और जीओसी पीयूपी और एमपी सब एरिया के साथ बड़ी संख्या में सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारी विशेष तौर पर शामिल हुए। शानदार परेड का असर सेनाध्यक्ष के के संबोधन भाषण में भी दिखा जब उन्होंने युद्ध, संचालन, खेल और प्रशिक्षण को शामिल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में डोगरा रेजिमेंट के प्रशंसनीय प्रयासों और समृद्ध परंपराओं की सराहना की।


डोगरा रेजीमेंट को झंडा सौंपने के कार्यक्रम में थल सेनाध्यक्ष ने भारतीय सेना की नवगठित इकाइयों को उनकी सेवा के शुरुआती चरणों में शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। थल सेनाध्यक्ष ने भी 20 डोगरा और 21 डोगरा के सभी रैंकों और परिवारों को अपनी शुभकामनाएं दीं और उन्हें भारतीय सेना की शानदार छवि के अनुरूप राष्ट्र की सेवा करने के लिए कहा।
थल सेना अध्यक्ष बोले – सभी चुनौतियों के लिए तैयार है भारतीय सेना

मीडिया के साथ बातचीत के दौरान थल सेनाध्यक्ष ने बताया कि भारतीय सेना दुनिया की आधुनिकतम और पेशेवर सेनाओं में से एक है । भारतीय सेना को अपनी चुनौतियों का एहसास हर वक्त रहता है, सेना अपनी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हर पल तैयार है। भारतीय सेना के जवानों और सैन्य अधिकारियों का शानदार इतिहास है और सभी तरह की चुनौतियों से निपट कर देश के नागरिकों को सुरक्षित रखना हमें अच्छी तरह से आता है।
शानदार है डोगरा रेजीमेंट का इतिहास, अशोक चक्र और विक्टोरिया क्रॉस भी रेजीमेंट की झोली में

डोगरा रेजिमेंट बड़ी संख्या में वीरता पुरस्कारों के साथ इन्फैंट्री की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी रेजिमेंटों में से एक है। रेजिमेंट का स्वतंत्रता से पहले और बाद में युद्ध के दौरान गलतियां बगैर किए हुए कामयाबी हासिल करने का अद्भुत रिकॉर्ड दर्ज है। यही वजह है कि डोगरा रेजीमेंट को आजादी से पहले और आजादी के बाद लगातार वीरता और शौर्य से जुड़े देश के बड़े सम्मान मिलते रहे हैं । डोगरा रेजिमेंट को स्वतंत्रता के बाद 11 युद्ध सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जिसमें 01 अशोक चक्र, 09 महावीर चक्र, 11 कीर्ति चक्र, 58 शौर्य चक्र और 39 वीर चक्र शामिल हैं। रेजिमेंट को 23 पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सम्मानों से भी सम्मानित किया गया है, जिसमें 03 विक्टोरिया क्रॉस और 43 सैन्य क्रॉस शामिल हैं