Ayodhya News : अयोध्या जिला अधिकारी आवास की दिशा बताने वाला बोर्ड एक बार फिर रंग बदलने की वजह से चर्चा में है। बुधवार को बोर्ड का रंग भगवा से हरा किए जाने पर मचे बवाल के बाद अब दोबारा बोर्ड का रंग बदल दिया गया है जो ना पूरी तरह से भगवा है और ना पूरी तरह से लाल। समाजवादी पार्टी ने बोर्ड का रंग बदले जाने पर कहा है कि जिलाधिकारी पर सत्ता शासन का दबाव साफ दिखाई दे रहा है। बोर्ड का रंग फिर से बदला जाना यह साबित करता है कि इसमें कहीं ना कहीं शासन और सत्ताधारी राजनीतिक दल का हाथ है। इस पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेताओं को नियम कानून की जानकारी नहीं है पहले उन्हें आदर्श चुनाव आचार संहिता और सरकारी नियमों की किताब पढ़नी चाहिए। 10 मार्च के बाद भाजपा सत्ता में वापसी कर रही है।

अयोध्या में जिलाधिकारी आवास की दिशा बताने वाला सरकारी बोर्ड प्रदेश की चुनावी सियासत का मोहरा बनता दिखाई दे रहा है। पहले भगवा रंग से हरा होने वाला दिशा सूचक बोर्ड अब एक बार फिर से बदल कर लाल और भगवा रंग का एहसास करा रहा है। बृहस्पतिवार की सुबह जब लोग जिलाधिकारी आवास के सामने से गुजरे तो उन्हें बोर्ड का रंग बदला हुआ दिखाई दिया। इसके साथ ही बोर्ड की तस्वीर फिर से सोशल मीडिया में वायरल होने लगी और अयोध्या में लोग इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा करने लगे। समाजवादी पार्टी ने बोर्ड का रंग बदले जाने को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है वहीं भाजपा ने भी समाजवादी पार्टी को मुंगेरीलाल के हसीन सपने नहीं देखने की सलाह दी है और दावा किया है कि 10 मार्च के बाद भारतीय जनता पार्टी की शासन सत्ता में वापसी हो रही है।

अयोध्या में एक दिन पहले डीएम आवास वाले साइनेज का रंग बदलकर जब भगवा से हरा किया गया तो समाजवादी पार्टी ने इसे हाथों हाथ लिया और कहा कि अयोध्या के जिलाधिकारी ने समय की चाल और जनता के मूड को भांप लिया है। बुधवार को पूरे दिन जिलाधिकारी के आवास का बोर्ड चर्चा में छाया रहा। लोगों ने कहा कि सरकारी अधिकारी भी सियासत के मौसम वैज्ञानिक होते हैं और उन्होंने यह जान लिया है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार बनने जा रही है इसलिए बोर्ड के भगवा रंग को बदलकर हरा किया गया है। बृहस्पतिवार की सुबह जब बोर्ड का रंग बदल कर फिर से लाल और भगवा से मिलता-जुलता कर दिया गया तो समाजवादी पार्टी को भाजपा पर हमला करने का मौका मिल गया।

समाजवादी पार्टी शिक्षक सभा के जिला अध्यक्ष दान बहादुर सिंह ने अयोध्या संवाद से कहा कि शासन सत्ता में बैठे सरकारी अधिकारी समझ चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है इसलिए उन्होंने वही किया जो सरकारी नियम कानून के अनुसार होना चाहिए। अभी तक भाजपा को खुश करने के लिए अधिकारियों ने बोर्ड का रंग भगवा कर रखा था लेकिन गलती सुधारते हुए उन्होंने इसे बदल कर हरे रंग में कर दिया जो लोक निर्माण विभाग के नियमों के अनुसार मान्य रंग है। मीडिया में समाचार आने के बाद बृहस्पतिवार को अब जिस तरह से बोर्ड कारण फिर से बदलकर भगवा जैसा किया गया है तो इससे साफ जाहिर हो रहा है कि जिलाधिकारी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से दबाव डाला गया है। बोर्ड का रंग किस से बदलने में राजनीतिक दबाव है। राजनीतिक कारण है, जनता इसे समझ रही है जबरिया तरीके से बोर्ड का रंग बदलने से अब मतदाताओं का मन बदलना संभव नहीं है। सरकारी अधिकारी पर जोर जबरदस्ती चलाई जा सकती है लेकिन मतदाता अब भाजपा की घुड़की में आने वाला नहीं है।

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने अयोध्या संवाद से कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। 10 मार्च के बाद भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापसी करने जा रही है। जहां तक बोर्ड के रंग के बदलाव में भाजपा के दखल का सवाल है तो समाजवादी पार्टी के नेताओं को पहले नियम कानून की जानकारी करनी चाहिए। आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान अधिकारियों पर सारा नियंत्रण चुनाव आयोग का रहता है। अधिकारी वही करते हैं जो नियम कानून के अनुसार किया जाना उचित होता है। बोर्ड के रंग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने ना पहले कभी कोई दबाव बनाया था और ना बाद में ही भाजपा की ओर से कोई दबाव डाला गया है। भारतीय जनता पार्टी को देश और प्रदेश की जनता ने अपने सर माथे पर बिठाया है। भाजपा के रीति- नीति को जनता पसंद करती है। इसलिए लोग भाजपा के साथ हैं। भगवा रंग भाजपा के झंडे में है और भारत के जन जन के प्राण में समाहित है। इस रंग पर कोई दूसरा रंग चढ़ने वाला नहीं है।