सीसीटीवी फुटेज की अदालत के फैसले में अहम भूमिका
Ayodhya News: 5 साल पहले धनतेरस के मौके पर फैजाबाद शहर के चौक में आराधना मेंसवेयर के मालिक सरदार बलजीत सिंह छाबड़ा की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने वाले 7 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा मिली है। तृतीय अपर एवं सत्र न्यायाधीश पूजा सिंह ने बुधवार को अभियुक्तों को सजा का ऐलान किया है उन्होंने सभी अभियुक्तों पर सवा लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह धनराशि पीड़ित परिवार के परिजनों को दी जाएगी। अदालत का फैसला सुनने के बाद पीड़ित पिता सुरजीत सिंह छाबड़ा ने अयोध्या संवाद से कहा कि अदालत के फैसले से इंसाफ मिला है लेकिन ऐसे अभियुक्तों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।


बुधवार का दिन अयोध्या के न्यायिक इतिहास में ऐतिहासिक दिन के तौर पर दर्ज हो गया। गुंडागर्दी और हफ्ता वसूली मामले में कपड़ा व्यवसाई की हत्या करने वाले सात अभियुक्तों को महज 5 साल के अंदर आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। अदालत ने 110000 रुपए का जुर्माना सभी 7 अभियुक्तों पर अलग-अलग लगाया है। शूटर वैभव उर्फ मोनू पांडेय को आर्म्स एक्ट में 2 साल की कैद और ₹5000 जुर्माना की अतिरिक्त सजा भी सुनाई गई है जुर्माने की धनराशि मृतक सरदार बलजीत सिंह छाबड़ा की पत्नी और मासूम पुत्री को दी जाएगी।

अदालत के फैसले के अनुसार सात अभियुक्तों में समाजवादी पार्टी के नेता अजय यादव समेत वैभव पांडे उर्फ मोनू मोहम्मद मुस्तकीम अभिलेश पांडेय, अरुणेंद्र उर्फ मुन्ना सिंह अंकित तिवारी अखंड प्रताप पांडेय को आजीवन कारावास दिया जाएगा। शूटर मोनू पांडे की 2 साल की सजा भी इसके साथ ही चलेगी। अदालत ने सभी अभियुक्तों को हत्याकांड का दोषी माना है।

छाबड़ा मर्डर मामले में बुधवार को सजा का फैसला होना था इसके लिए सभी सातों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से अदालत लाया गया अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के बीच सजा के बिंदु पर जोरदार बहस हुई सरकारी अधिवक्ता रमेश तिवारी ने कहा कि सरदार बलजीत सिंह की हत्या कर उनके पूरे परिवार को बर्बाद करने का अपराध किया गया है जिसमें सरदार बलजीत सिंह की हत्या हुई उस समय उनकी मासूम बच्ची की उम्र महज 34 दिन थी। हत्या के अभियुक्त सरदार बलजीत सिंह के साथ ही उनकी मासूम बेटी और पत्नी के भी अपराधी हैं। उन्होंने सभी अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग की। मामले के आठवें अभियुक्त निर्भय पांडे को कैंसर हो चुका है इसलिए अदालत ने उसकी सुनवाई के लिए अलग से पत्रावली तैयार करने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है।

क्या है पूरा मामला
सनसनीखेज हत्याकांड का यह मामला अयोध्या शहर के नगर कोतवाली से संबंधित है। नगर कोतवाली के चौक क्षेत्र में आराधना मेंस वियर के नाम से सरदार बलजीत सिंह छाबड़ा की रेडीमेड कपड़ों की दुकान थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार यह मामला गुंडा टैक्स वसूली का है। 17 अक्टूबर 2017 की शाम 3:30 बजे के लगभग चौक रिकाबगंज मार्ग पर स्थित आराधना मेंसवेयर में दुकान मालिक बलवीर सिंह उर्फ सोनू छाबड़ा बैठे थे उसी समय गुंडा टैक्स वसूली और पुरानी रंजिश के मामले को लेकर कई लोग दुकान में गए . बातचीत के दौरान दोनों पक्षों के बीच हाथापाई होने लगी इसी दौरान व्यवसाई बलजीत सिंह छाबड़ा को गोली मार दी गई गंभीर रूप से घायल होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन अस्पताल ले जाते समय ही उनकी मृत्यु हो गई इससे पहले सरदार बलजीत सिंह छाबड़ा पर 4 अक्टूबर 2017 को भी उनके आदर्श नगर कॉलोनी देवकाली स्थित आवास पर मुन्ना सिंह और 45 अन्य लोगों ने जानलेवा हमला किया था। इस घटना की f.i.r. नगर कोतवाली में दर्ज कराई गई थी ।

योगी सरकार में हुआ था मर्डर
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद फैजाबाद शहर में हुए इस हत्याकांड ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी। हत्या के विरोध में व्यापारियों ने चौक से रिकाबगंज रोड जाम कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। मृतक के भाई हरजीत सिंह की तहरीर पर नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें 8 लोगों सपा नेता अजय यादव मोनू पांडे उर्फ वैभव, अखंड पांडेय, मुन्ना सिंह, मुस्तकीम उर्फ नान्हू, अखिलेश पांडे, अंकित तिवारी और निर्भय पांडे को नामजद किया गया था।