Ayodhya News : अयोध्या के 5 विधानसभा सीट पर सबसे रोचक मुकाबला बीकापुर सीट पर होता दिखाई दे रहा है। पहले भी दो बार विधानसभा चुनाव के लिए किस्मत आजमा चुके फिरोज खान उर्फ गब्बर ने समाजवादी पार्टी की ओर से बीकापुर सीट पर पर्चा खरीद कर सभी को चौंका दिया है। समाजवादी पार्टी अगर गब्बर को चुनाव मैदान में उतारती है तो बीकापुर सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय होने के आसार बन जाएंगे। ऐसे में सभी प्रमुख दलों को पूरी ताकत बीकापुर सीट पर झोंकनी पड़ेगी।
बीकापुर सीट और रुदौली विधानसभा क्षेत्र के लिए समाजवादी पार्टी ने अभी तक अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है। समाजवादी पार्टी से इस सीट के कई दावेदार हैं लेकिन सभी चर्चित दावेदारों को दरकिनार करते हुए फिरोज खान उर्फ गब्बर ने बीकापुर सीट के लिए मंगलवार को नामांकन पत्र खरीदा है । खास बात यह है कि उन्होंने यह नामांकन पत्र समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर लिया है। समाजवादी पार्टी की ओर से सीट पर अनूप सिंह और आनंद सेन की दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी। भारतीय जनता पार्टी ने निवर्तमान विधायक शोभा सिंह के बेटे अमित सिंह को प्रत्याशी बनाकर समाजवादी पार्टी के सामने चुनौती पेश कर दी है। अमित सिंह के पिता पूर्व मंत्री मुन्ना सिंह चौहान बीकापुर और सोहावल क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखते रहे हैं ऐसे में आनंद सेन और राघवेंद्र प्रताप अनूप सिंह के अलावा समाजवादी पार्टी अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
आनंद सेन के रुदौली से चुनाव लड़ने के आसार
पूर्व सांसद मित्रसेन यादव के पुत्र आनंद सेन के रुदौली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। मिल्कीपुर सीट सुरक्षित होने के बाद चर्चा हो रही थी कि आनंद सेन बीकापुर सीट से चुनाव लड़ेंगे लेकिन समाजवादी पार्टी से मिल रही जानकारी के अनुसार आनंद सेन को रुदौली सीट से चुनाव लड़ाने के बारे में पार्टी नेतृत्व गंभीरता से विचार कर रहा है। रुदौली सीट पर समाजवादी पार्टी पिछला चुनाव हार चुकी है। इस सीट पर यादव मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है। यादव मतदाताओं और भाजपा के वोट बैंक के आधार पर रामचंद्र यादव चुनाव जीतते आ रहे हैं समाजवादी पार्टी नेतृत्व का मानना है कि अगर आनंद सिंह जैसा बड़ा यादव नेता रुदौली से चुनाव लड़ेगा तो भारतीय जनता पार्टी के हाथ से यह सीट भी छीनी जा सकती है। इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए रुदौली से आनंद सेन यादव को और बीकापुर सीट पर अल्पसंख्यक उम्मीदवार को उतारने की रणनीति बनाई जा रही है । रुदौली सीट पर पूर्व विधायक अब्बास अली जैदी रुश्दी मियां की दावेदारी भी मजबूत बनी हुई है। अगर रुदौली सीट पर आनंद सेन को मौका मिलता है तो रुश्दी मियां की भरपाई के लिए समाजवादी पार्टी बीकापुर सीट पर गब्बर के नाम पर विचार कर सकती है। हालांकि इस सीट पर राघवेंद्र प्रताप अनूप सिंह की दावेदारी भी मजबूत बनी हुई है वह पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं और लंबे समय से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। मतदाताओं के बीच उनकी चुनावी तैयारी सबसे ज्यादा मजबूत बताई जा रही है। ऐसे में बीकापुर सीट पर समाजवादी पार्टी की ओर से अंतिम फैसला करना आसान नहीं होगा। सभी दावेदार अपनी जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं। अब देखना यह है कि पार्टी नेतृत्व अंतिम फैसला किसके पक्ष में करता है।