अयोध्या। जन्म जन्मांतर के पुण्य अर्जित होते है तो संत समाज का दर्शन और सानिध्य प्राप्त होता है और यह शुभ अवसर सदगुरुदेव भगवान संतसेवी गौ सेवी ब्राह्मण व दरिद्र नारायण की सेवा करने वाले साथ ही साथ सेवा को ही धर्म मानने वाले श्री अवध बिहारी कुंज के पूर्वाचार्य अनंत श्री विभूषित महंत रामसुखित दास जी महाराज के प्रथम पुण्यतिथि पर गुरुदेव भगवान के मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा के अवसर पर संत सम्मेलन में प्राप्त हुआ। यह उद्गार मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के संयोजक श्री भगवान अवध बिहारी रामानुज सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गणेश दास जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि जिसके ऊपर गुरुदेव भगवान की कृपा और उनकी छाया बनी रहती है वह सभी कार्य करने में समर्थ होता है इसलिए सभी शिष्यों को अपने गुरुदेव भगवान के हर वाक्य को आदेश और आशीर्वाद मानकर पूरा करना चाहिए।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरी शंकर दास जी महाराज ने कहां की श्री अवध धाम में हर काल में भजनानंदी संत होते रहते हैं और उन्हीं की तपस्या से चराचर ब्रह्म में सभी का कल्याण होता है उन्ही संतो में से एक संत थे रामसुखित दास जी महाराज जो हमेशा भजन में तल्लीन रहते थे आज श्री अवध धाम में महंत गणेश दास जी महाराज ने श्री महाराज जी की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठित करके बहुत ही पुण्य का कार्य किया है इससे सभी शिष्यों को निरंतर गुरुदेव भगवान का दर्शन होता रहेगा। संत सम्मेलन का संचालन महंत पवन कुमार शास्त्री जी महाराज ने किया।
संत सम्मेलन में राजस्थान मध्य प्रदेश हरियाणा बिहार से अनेकों संतों ने अपनी वाक्य रूपी श्रद्धांजलि श्री महाराज जी को अर्पित की। सम्मेलन के पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्री सदगुरुदेव भगवान की मूर्ति का श्री अवध बिहारी कुंज श्रीधाम अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा किया गया पूरे देश से पधारे श्री महाराज जी के शिष्यों ने हवन पूजन करके महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित की उसके उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन में श्री राम वल्लभा कुंज वेदांती मंदिर के अधिकारी राजकुमार दास, अग्र पीठाधीश्वर राघवाचार्य जी महाराज ब्रह्म पीठाधीश्वर रतन देवाचार्य जी महाराज महामंडलेश्वर सियाराम दास महंत कान्हा दास जयपुर से पधारे रामदेव दास जी महाराज विद्या कुंड पीठाधीश्वर उमेश दास महंत सीताराम दास त्यागी दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास सहित सैकड़ों संतों महंतों ने संत सम्मेलन में श्री महाराज जी को वाक्य रूपी श्रद्धांजलि अर्पित की।
