अयोध्या। मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले अयोध्या के परमहंस दास आचार्य के शस्त्र प्रदर्शन का मामला तूल पकड़ रहा है। अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता और श्री हनुमानगढ़ी के महंत गौरी शंकर दास ने पूरे मामले की जांच जिला प्रशासन से कराए जाने की मांग की है और कहा है कि परमहंस दास आचार्य का आचरण संत मर्यादा के विपरीत है। बंदूक का प्रदर्शन करने वाला संत नहीं हो सकता ऐसे व्यक्ति के आचरण और विगत इतिहास की जांच की जानी चाहिए।
निर्वाणी अखाड़ा के प्रमुख संत व अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि परमहंसदास आचार्य अपने को धर्मगुरु बता कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं वह संतों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म गुरु या संत बंदूक के साथ अपनी फोटो नहीं खिंचवाते हैं उन्होंने रामानंद संप्रदाय की मर्यादा के साथ खिलवाड़ किया है ऐसे साधु वेश धारी के खिलाफ प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए उन्होंने कहा कि परमहंस दास आचार्य के पास बंदूक कहां से आई कैसे आई इसकी भी जांच होनी चाहिए और जो व्यक्ति बंदूक लहरा कर प्रदर्शन कर रहा है उसके खिलाफ भारतीय कानून की कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
क्या है मामला
अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास आचार्य ने पिछले दिनों बंदूक के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने हिंदू रक्षा के लिए शस्त्र उठाने का ऐलान भी किया। उनकी यह फोटो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है। अयोध्या का साधु समाज इसे संतों की मर्यादा के विपरीत मान रहा है। अयोध्या के साधुओं का कहना है कि साधु और संत केवल शास्त्र का ज्ञान रखते हैं और उनका सारा संपर्क संबंध शास्त्र से होता है। बंदूकों के साथ जीवन जीने वाला साधु नहीं हो सकता। अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरी शंकर दास का बयान आने के बाद अब सभी की नजरें अयोध्या जिला प्रशासन पर हैं लोग जानना चाह रहे हैं कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई कार्यवाही करने जा रहा है क्या परमहंस उदास आचार्य के खिलाफ कोई कानूनी मामला बनता भी है या नहीं। इस बीच परमहंस दास आचार्य ने कुछ लोगों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा कर सनसनी पैदा कर दी है।