Ayodhya News : जिलाधिकारी के अस्थाई आवास के साइनेज का रंग फिर बदलकर केसरिया कर दिया गया है। पहले केसरिया से हरा फिर लाल और अब फिर से केसरिया रंग का बोर्ड तैयार करने के बाद मामले पर पूरी तरह से राजनीतिक रंग चल गया है दूसरी ओर डीएम आवास के बोर्ड का रंग बदलने के मामले में पीडब्ल्यूडी के जेई अजय कुमार शुक्ला को मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। विभाग का मानना है कि बोर्ड ठीक-ठाक हालत में था इसके बावजूद उसका रंग बदला गया है।

अयोध्या जिला अधिकारी के आवास की दिशा बताने वाला बोर्ड आखिरकार फिर से केसरिया रंग का हो गया है। केसरिया रंग से हरा फिर लाल और अब वापस केसरिया रंग में रंगे जाने के बाद सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा हो रही है कि पूरी कार्रवाई राजनीति प्रेरित है। विधानसभा चुनाव में हो रहे राजनीतिक नुकसान को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी की ओर से अधिकारियों पर दबाव डाला गया है। पीडब्ल्यूडी के जानकारों का कहना है कि नियमानुसार पीडब्ल्यूडी के सभी दिशा सूचक बोर्ड का बैकग्राउंड कलर हरा ही रहता है। राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए पूर्व जिला अधिकारी अनुज झा ने आवास को इंगित करने वाले बोर्ड का रंग केसरिया करवाया था। ऐसे में बोर्ड का रंग वापस हरा करने के पीछे अधिकारियों की मंशा नियमानुसार कार्रवाई करने की थी जिससे नई सरकार अगर बदल जाती है तो उन पर कोई आंच ना आए।
जूनियर इंजीनियर अजय कुमार शुक्ला पर हुई कार्रवाई
जिलाधिकारी आवास के बोर्ड का रंग बदले जाने के मामले में लोक निर्माण विभाग ने अपने सहायक अभियंता अजय कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया है और उन्हें मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने अपनी जांच में पाया कि जिलाधिकारी आवास की दिशा बताने वाले बोर्ड को बदले जाने की आवश्यकता नहीं थी । पुराना बोर्ड ठीक-ठाक हालत में था उसे अनावश्यक तरीके से बदला गया इस पूरे मामले से सोशल मीडिया पर विभाग की छवि धूमिल हुई है। इस को आधार बनाकर विभाग में उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 के तहत जांच के आदेश दिए हैं और संबंधित जेई अजय कुमार शुक्ला को निलंबित कर मुख्य अभियंता कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है।
सोशल मीडिया पर लोग ले रहे चटखारे
डीएम आवास के बोर्ड का रंग बदले जाने को सोशल मीडिया पर लोगों ने राजनीति प्रेरित बताया है और कहा कि जूनियर इंजीनियर को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा है कि जब पीडब्ल्यूडी विभाग के नियम के अनुसार बोर्ड का रंग हरा किया गया तो पहले केसरिया रंग क्यों करवाया गया। अधिकारियों की राजनेताओं को खुश करने की चाल में भाजपा फंस गई है। एक अन्य यूजर ने लिखा है हरे रंग के बोर्ड पर जब विवाद हुआ तो लाल रंग का बोर्ड किसने अप्रूव किया डीएम साहब ने तब इसे क्यों नहीं देखा और अब केसरिया करना पड़ा है तो क्या भाजपा अब भी नियम कानून की दुहाई देगी।