रिपोर्ट टांडा से महामिद
कहते हैं कि जिसका खानदान जैसा होता है उसका किरदार भी वैसा ही होगा । कांग्रेस पार्टी के टांडा प्रत्याशी सैयद मेराजुद्दीन ने विधानसभा चुनाव के दौरान अयोध्या संवाद से विशेष बातचीत में कहा कि मेरे दादा हाजी सैयद रफीउद्दीन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, नेहरू जी और गांधी जी के साथ अनेकों बार जेल गए यही नहीं खिलाफत आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मेरी रगों में मुल्क से वफादारी का खून बरकरार है। कांग्रेस पार्टी के साथ आजीवन जुड़ाव रहेगा, इसे कभी कम नहीं किया जा सकता।

उन्होंने बताया कि देश की आजादी की लड़ाई में मेरे दादा हुजूर सय्यद रफीउद्दीन की कोई मिसाल मिलना इलाके में मुश्किल है ,खास बात यह भी है कि देश आजाद होने के बाद जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से प्रमाण पत्र निर्गत होने लगा तो मेरे दादा ने यह प्रमाण पत्र यह कह कर लेने से इंकार कर दिया कि इस समय प्रमाण पत्र लेने वालों में कुछ आपराधिक कृत्य के लोग भी हैं, इसलिए मैं ऐसी पंक्ति मे नहीं खड़ा होना चाहता, जिससे मेरी कौम बदनाम हो ,नतीजा यह हुआ कि इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के प्रमाण पत्र को ठोकर मार दी। इनके दादा कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे।

उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता डॉ सैयद ताजुद्दीन ने एक प्रसिद्ध चिकित्सक के साथ-साथ समाजसेवी रहते हुए पूरी जिंदगी गुजार दी, इनके बड़े भाई सैयद सलाहुद्दीन एक ऐसी शख्सियत है जो जश्ने हिंदुस्तान विदेश दुबई में रहकर करीब 20 वर्षों से मनाने का रिकॉर्ड बनाए हुए हैं । इनका भी कोई भी जवाब नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी मेराजुद्दीन का कहना है कि मुझे अपने घर और खानदान के किरदार की वजह से ही कांग्रेस पार्टी प्यारी है और हमेशा प्यारी रहेगी। वह बोले कि चुनाव में जीत हार एक अलग का विषय है। लेकिन वह जहां भी जाते हैं लोगों का प्रेम स्नेह आशीर्वाद उनके साथ होता है ऐसी हालात में वह मत भी अधिक पाएंगे ऐसा उन्हें यकीन है।