Report -Mahamid
Ambedkar Nagar ( Tanda)News. कोरोना की वजह से पिछले कई सालों से लगभग ठप पड़ी साहित्यिक गतिविधियां वापस अपने रंग में आती दिख रही है.अंबेडकरनगर के टांडा तहसील के भूलेपुर बाजार के मैदान में उर्दू एकेडमी उत्तर प्रदेश शासन व पयाम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन जलाल सिद्दीकी के संयोजन में हुआ।


मुशायरे में भारत के कोने-कोने से आए शायरों व कवियों ने अपने कलाम पढ़ें। वसीम रामपुरी ने कहा कि मेरे खुदा मेरा भारत महान हो जाए ,जमीन हिंद की एक आसमान हो जाए । कुछ ऐसे फैले तिरंगे के रंग चारों तरफ कि सारी दुनिया ही हिंदुस्तान हो जाए।।

वही जमशेद फैजाबादी ने कहा कि परिंदे कैसे-कैसे तिनका तिनका जोड़ देते हैं। कहां बच्चे समझते हैं वह बस घर छोड़ देते हैं।। मैं बच्चों को खिलाकर पहले खाता था हर लुकमा। अब खाता हूं वह लुकमा जो बच्चे छोड़ देते हैं। वही ताहिर फराज ने कहा कि आईना बेचने निकला था कल मैं सड़कों पर । जिसको भी मैंने दिखाया खफा हो बैठा। रोशन हबीबा बोली कि आईना मोहब्बत का दस्तूर सिखा दूंगी । चाहूंगी तुम्हें इतना दीवाना बना दूंगी ।

हामिद भूसावली जज्बाती शायर ने सुनाया कि कहानी को कोई तो मोड़ दो ना । बुरे हैं हम तो हमको छोड़ दो ना।। बहुत हंसी है किसी की आंखें बस एक कमी है हया नहीं है।। नासिर फराज की पंक्तियां कि मां से वह मगफिरयत की दुआ पूछ रहा है । जन्नत से ही जन्नत का पता पूछ रहा है।। वहीं शाइस्ता सना बरेली ने यह शेर सुनाया कि हर तरफ भाईचारा मोहब्बत रहे। यूं ही कायम तिरंगे की अजमत रहे ।। जमील खैराबादी की यह पंक्तियां कि बस इत्तेफाक से मिलता है जिंदगी का मजा तमाम उम्र जिंदगी से मिलते हैं।। नौजवान शायर अली बाराबंकी काफी सराही गई कि शुक्र है अल्लाह का गुरबत में भी। हाथ एक बेटी के पीले हो गए।।

मुशायरे का संचालन कर रहे हिलाल बदायूंनी ने यह शेर सुनाया कि अब सब छोड़-छाड़ हम वकालत पर आ गए। जब वह मेरे दिल की अदालत पर आ गए।। वहीं मुशायरे में मुख्य अतिथि दुबई में अंतरराष्ट्रीय मुशायरा कराने वाले सैयद सलाहुद्दीन रहे, इन्हें आयोजक मंडल की तरफ से मंच पर सम्मानित भी किया गया। विशिष्ट अतिथियों बसखारी ब्लॉक प्रमुख नरेंद्र मोहन उर्फ संजय सिंह व सैयद मेराजुद्दीन, इंजीनियर मुसाब, सितारे उर्दू अवार्ड से सम्मानित सम्मानित मोहम्मद असलम खान ने शमा रोशन की।